विपक्ष पार्टी के पास राफेल और किसानों के मुद्दे के सिवा कालेधन का मुद्दा भी है। लोकसभा के चुनाव निकट है और भाजपा सरकार एक के बाद एक झटके दे रही है विपक्ष को। नोट बंदी की खबर के बाद एक और खबर कालेधन की है, जो मोदी सरकार के वोटर्स बढ़ा देगा। 90 देशों ने वित्त मंत्रालय के खुफिया विभाग को 5000 दस्तावेज दिए हैं। 1.30 लाख करोड़ की अघोषित संपत्तियां कर दायरे में है। भारत ने 154 देशों से समझौता किया हुआ है। भारत ने अमेरिका यूरोप दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया समेत कई देशों से समझौता किया हुआ है। पिछले साल स्विस बैंक बीसीआई ने कहा 2017 में उनके यहां भारतीयों के जमा धन में 34.5 प्रतिशत की कमी आई है। नोटबंदी के दौरान 6900 करोड़ की बेनामी संपत्तियां जप्त की गई और 1600 करोड़ विदेशी परिसंपत्तियों भी जप्त की गई।
तो फिर वह लोग कौन है जो यह बोलते हैं की नोट बंदी पूरी तरह से फेल हुई है? वे लोग कोई भी हो पर हकीकत यह है कि नोट बंदी पूरी तरह से कामयाब नहीं हुई है। पर इतना है कि लोग घरों में नोट दबा कर रखने मेें डरते हैं। हजारों लोग कर विभाग की नज़रों में आए हैं और कई लोग तो ऐसे थे जो सरकार को आमदनी कम दिखाते थे। नोटबंदी के बाद वे लोग भी कर विभाग की नजरों में आए हैं। नोटबंदी का सबसे बुरा प्रभाव यह पडा की भारत की जीडीपी नीचे गिर गई। नोट बंदी के नुकसान भी है तो फायदे भी है। नोट बंदी से भले ही जीडीपी गिर गई हो पर यह जरूरी था क्योंकि इससे लोगों के घरों का दबा हुआ पैसा बाहर आ गया। जब भी हम सफाई की बात करते हैं तो सबसे पहले अपने घर से शुरुआत करते हैं। बिल्कुल उसी तरह मोदी सरकार ने किया है। घर के अंदर की सफाई तो हो गई है, अब घर के बाहर की सफाई करनी बाकी है। यानी कि हमारे देश के अंदर का काला धन तो बाहर आ गया बस अब देश के बाहर का काला धन वापस लाना है।इसके लिए हमें मोदी सरकार की तारीफ भी करनी चाहिए और उनसे एक सवाल भी पूछना चाहिए की इन सब मेें इतना वक्त क्यों लगा दिया और कब तक हमारे देश की जीडीपी बढ़ेगी।
No comments:
Post a Comment