Wednesday, January 30, 2019

2019 लोक सभा चुनाव : नरेंद्र मोदी v/s राहुल गांधी


 2019 का लोकसभा चुनाव  नजदीक है  और सभी राजनीतिक पार्टी  चुनाव में जीतने के लिए हर संभव प्रयास कर रही  है। वैसे तो प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए दावेदार बहुत है पर सबसे बड़ी जंग राहुल गांधी  और  नरेंद्र मोदी  के बीच  छिड़ी हुई है। इस देश को राहुल गांधी जैसे नेता की जरूरत है या फिर नरेंद्र मोदी जैसे व्यक्ति की जरूरत है?
 हमारे देश को एक ऐसे नेता की जरूरत है जो हर धर्म और हर जाति को एक साथ लेकर चलें क्योंकि एकता में ही अनेकता होती है। पर सच्चाई यह है कि हर राजनीतिक पार्टी धर्म और जात के नाम पर  वोट मांग रही है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा सबको साथ  लेकर चलने की बात करते हैं और  सबको साथ लेकर चलते भी हैं  पर फिर भी भाजपा के बहुत से नेता हिंदुत्व के नाम पर राजनीति करते हैं।
 कांग्रेस ने 60 वर्ष सत्ता संभाली और उनका इतिहास यह है कि उन्होंने  लाखों करोड़ का घोटाला किया है। कांग्रेस ने बहुत सी तकनीकें हमारे देश में लाई पर जो विकास इन 60 वर्षों में होना चाहिए था  वह  हुआ नहीं। हमें नरेंद्र मोदी जैसे प्रधानमंत्री की ज़रुरत है जो धर्म और जाति के नाम पर  राजनीति ना लडें बल्कि  देश को  साथ में लेकर चले।  बिना किसी पक्षपात के मैं कहता हूं कि जो विकास नरेंद्र मोदी ने इन 5 वर्षों में  किया है वह विकास कांग्रेस 60 सालों में नहीं  कर पाई। हमें ऐसे प्रधानमंत्री की जरूरत है जो खुद का विकास और खुद के घर का विकास ना करें यानी कि परिवारवाद ना करें और देश की उन्नति और विकास के लिए बेहतरीन सोच के साथ काम करें और पूरे लगन के साथ हमारे देश के विकास के लिए सोचे और मेहनत करें।
जितनी भी राजनीतिक पार्टी है सभी धर्म के नाम पर वोट मांगती हैं और परिवारवाद करती है पर नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता है जो ना तो ना तो परिवारवाद करते हैं और ना ही भ्रष्टाचार। इन 5 सालों में उन पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा हालांकि  विपक्षी पार्टी ने  आरोप लगाया  पर  वह सच साबित नहीं हुआ  क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी इमानदारी के साथ काम करते हैं। जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने गुजरात में हिंदू मुस्लिम में कोई भेदभाव नहीं किया और सब को एकजुट किया। और फिर प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने देश के विभिन्न जाति और धर्म के लोगों में कोई भेदभाव नहीं किया और सबको साथ चलने की बात हमेशा कही।
 अब फैसला देश की जनता को लेना है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा ईमानदार नेता चाहिए या परिवारवाद और भ्रष्टाचार करने वाले  नेता चाहिए।

क्या सवर्णों को आरक्षण देना समाधान है?


हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने यह फैसला लिया है कि वे गरीब सवर्णों को 10% रिजर्वेशन देंगे।
आखिर रिजर्वेशन ही समाधान  क्यों?
मैं मानता हूं की देश में यानी कि देश के लोगों में समानता होनी चाहिए पर समानता होने का मतलब यह नहीं की जो व्यक्ति ज्यादा कुशल है उसको खींचा जाए उस व्यक्ति के लिए जो जो आर्थिक रूप से और अपने कार्य को करने में कम कुशल है।
मेरा यह मानना है कि रिजर्वेशन समाधान नहीं है अगर गरीब लोगों को उच्च शिक्षा मिले तो रिजर्वेशन की जरूरत ही नहीं है। अगर मोदी सरकार आज 10% रिजर्वेशन देने के बजाय उच्च शिक्षा देने और उच्च शिक्षा को कम से कम फीस में देने का फैसला लेती तो ज्यादा अच्छा होता।
इस सब का सीधा-सीधा मतलब यह है कि समानता जरूरी है पर इस तरह से समानता नहीं आती और समानता हर जगह नहीं होती। हम अपने हाथों की उंगलियों और अंगूठे को बराबर नहीं कर सकते पर हां इतनी समानता तो जरूरी है कि कोई उंगली ज्यादा बड़ी या कोई ज्यादा छोटी ना हो।
अब मान लीजिए दो व्यक्ति हैं एक अमीर घर से है और दूसरा गरीब परिवार का है और वह दोनों एक जगह सरकारी नौकरी के लिए जाते हैं और जो अमीर घर का व्यक्ति है वह ज्यादा कुशल है उस गरीब घर के व्यक्ति से।
तो यहां कुशलता  के साथ साथ रिजर्वेशन को भी देखा जाएगा और नौकरी उस व्यक्ति को मिल जाएगी जो गरीब परिवार से है। क्योंकि वे कुशलता से ज्यादा रिजर्वेशन पर पहले ध्यान देंगे।
  मोदी सरकार की मैं यहां यह तारीफ  करूंगा कि उन्होंने किसी एक धर्म या किसी एक जाति के लिए रिजर्वेशन का फैसला नहीं लिया उन्होंने सभी गरीब सवर्णों को रिजर्वेशन देने का फैसला लिया है  जिसमें  सभी धर्म के  गरीब सवर्णों को रिजर्वेशन मिलेगा। उन्होंने यह दिखाया की वे पूरे देश को एक साथ लेकर चलते हैं और एक समान मानते हैं पर सारी बात यह है की समानता होने का मतलब किसी दूसरे व्यक्ति का ना तो हक छीना जाना चाहिए और ना ही उसे खींचा जाना चाहिए।
सही मायने में यह रिजर्वेशन किसी गेम के चीट कोड की तरह है जिससे आसानी से जीत मिल जाती है।
धन्यवाद।

Tuesday, January 29, 2019

क्या राम मंदिर निर्माण में रोड़ा अटका रही है सुप्रीम कोर्ट


 पिछले कई महीनों से लोगों की आस्था कोर्ट के चक्कर काट रही है लाखों हिंदू सुप्रीम कोर्ट की हर तारीख पर बेसब्री से इंतजार करते हैं  की सर्वोच्च न्यायालय राम मंदिर निर्माण के लिए उनके हित में  फैसला सुनाएगी पर पिछले कई महीनों से सुप्रीम कोर्ट तारीख पर तारीख दे रही है और  लाखों हिंदू निराश हो जाते हैं। 4 January 2019 को यह खबर आई थी की सुप्रीम कोर्ट हर रोज राम मंदिर निर्माण पर  सुनवाई करेगी और जजों की नई पीठ तैयार करने की बात हुई  और  10 जनवरी  कि तारीख दी गई।  10 जनवरी को 10 से 15 मिनट बैठक हुई और 29 तारीख दे दी गई  और जब 29 तारीख आने वाली थी तो 1 दिन  पहले  Justice A S Bobade ने छुट्टी ले ली।
 हिंदू महासभा के वकील अरुण कुमार  का कहना है कि  एएस बोबडे  काफी समय से बीमार थे  इस कारण  उन्हें छुट्टी लेनी पड़ी। अब बात यह है कि जब सीजेआई  रंजन गोगोई  यह बात जानते थे की राम मंदिर निर्माण का फैसला काफी समय से रुका हुआ है और A S Bobade  बीमार है तो उन्हें 5 सदस्य पीठ में उन्हें शामिल नहीं करना चाहिए था। जो सर्वोच्च न्यायालय इस देश के लोगों के लिए है और अगर वही न्यायालय लोगों की आस्था को ध्यान में रखते हुए  उनकी उम्मीद  को पूरा नहीं कर पा रहा और  उनके हित में फैसला नहीं सुना पा रहा तो उच्च न्यायालय  की  देश को  क्या जरूरत।  जो लोग यह कहते हैं कि राम मंदिर नहीं विद्यालय और अस्पताल बनना चाहिए उनको शायद यह नहीं पता की राम सिर्फ नाम नहीं है, राम सिर्फ कहानी नहीं है। राम की जन्म गाथा सही मार्ग पर चलना सिखाती है, सत्ता का लालच ना करना सिखाती है, अपने बड़ों के आदेश का पालन करना  सिखाती है, हालातों को समझना सिखाती है और हालातों से लड़ना सिखाती है। इसीलिए राम मंदिर का निर्माण जरूरी है सोनिया गांधी ने कभी कहा था  की राम काल्पनिक है  तो अगर राम काल्पनिक है तो यह दुनिया भी काल्पनिक है राम एक सच्चाई है, राम एक विश्वास है, राम एक आस्था है पर काल्पनिक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के तारीख पर तारीख वाले खेल के बाद हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विवादित जमीन को छोड़कर बाकी बची हुई जमीन को  वापस करने  की मांग की है  हालांकि  उन्होंने कहा था  कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले  कोई अध्यादेश नहीं लाएंगे  पर फिर भी सभी हिंदू  जो राम मंदिर का निर्माण चाहते हैं  उनका विश्वास  और उनकी उम्मीद  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ी हुई है। मैं प्रधानमंत्री से उम्मीद करता हूं कि वे इस को चुनावी स्टंट  नहीं बनाएंगे  और  लोगों की उम्मीदों  को पूरा करेंगे।
जय श्री राम।

कनिका कपूर के अक्सर लंदन जाने का राज़, जानिए उनसे जुड़ी कुछ रहस्यमयी बातें

आज कल कनिका कपूर सुर्खियों में है, उनके कोरोना वायरस पॉजिटिव होने के बाद उनकी चर्चा देशभर में चल रही है। जब कनिका को कोरोना वायरस पॉजिटि...