14 फरवरी को हिंदुस्तान का इतिहास बहुत बुरा रहा है और इसी साल 14 फरवरी को पुलवामा में हमारे 45 जवान शहीद हो गए और 40 से ज्यादा घायल हो गए। 14 फरवरी 1931 में हमारे स्वतंत्रता सेनानी सुखदेव, राजगुरु और भगत सिंह को फांसी की सज़ा सुनाई थी। आने वाली पीढ़ी आजादी देख सके इसके लिए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी और ना जाने कितने लोगों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। सिर्फ इस वजह से कि हिंदुस्तान की आने वाली पीढ़ी आज़ादी देख सके। उन्हें अच्छे से पता था कि अगर वो आज़ादी के लिए लड़ते हैं तो वे आज़ादी नहीं देख पाएंगे और उन्हें अंग्रेजी शासक फांसी दे देंगे। हाल ही में 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद नामक ग्रुप ने हमारे वीर जवानों के प्राणों को ठेस पहुंचाया। इस हादसे से पूरा हिंदुस्तान रो रहा है और सभी के दिलों में एक बदले की आग जल गई है। मरना कोई बड़ी बात नहीं है पर देश के लिए मरना (शहीद) बहुत बड़ी बात होती है। अगर एक भगवान ऊपर वाला है और एक भगवान हमारे माता पिता, तो वह भी किसी भगवान से कम नहीं जो हमारे लिए अपने प्राणों को त्याग देते हैं, अपने घर वालों को त्याग देते हैं। क्या उनका घर बार नहीं, क्या उनका परिवार, उनका संसार नहीं है, फिर भी हमारे लिए सब कुछ त्याग देते हैं। सही मायने में मोहब्बत तो इसे कहते हैं। जन्म देती है मां, ज़िन्दगी ऊपर वाला देता है पर सुरक्षित ज़िन्दगी हमें हमारे वीर जवान देते हैं। जब भी किसी के घर में कोई एक सदस्य बीमार हो जाता है तो उसको ठीक करने के लिए अगर सारी संपत्ति बेचनी पड़े तो हुम बेच देते हैं। इसका मतलब एक जिंदगी की कीमत लाखों करोड़ है और वहीं मोल ज़िंदगी उन्होंने हमारे लिए 2 मिनट में गवा दी। क्या किसी के मन में यह सवाल उठा कि उन्होंने तो अपने देश के लिए बहुत कुछ किया है, हमने क्या करा। सिर्फ सांत्वना दी, बदला बदला कहकर चिल्लाये लोग। इसके सिवा हमने अपने देश के लिए क्या किया या उनके घर वालों के लिए जिनका बेटा हमारे लिए शहीद हो गया।
हम चैन से जी सके इसलिए उन्होंने अपना चैन खो दिया और फिर भी कई नेता और बड़ी बड़ी पर्सनेेेलीटी उनके शहादत पर रो नहीं रहे हैं बल्कि उनकी शहादत का मजाक बना रहे हैं। जब पता चला होगा उनके घर वालों को इस हादसे के बारे में तो उनका कलेजा फट के बाहर आ गया होगा। क्या कभी किसी ने सोचा कि हम अपने देश के लिए क्या कर सकते हैं। वो जान दे देते हैं हमारे लिए और हम में से ही कोई रेप कर रहा है, कोई भ्रष्टाचार कर रहा है, कोई संविधान का उल्लंघन कर रहा है तो कोई मर्डर कर रहा है।इसके सिवा हमने कुछ नहीं किया देश के लिए।
कितने झूठे हैं ना हमारे सैनिक जो हर रोज अपने घरवालों से यह वादा करते थे कि मैं बहुत जल्द छुट्टी लेकर घर पर आऊंगा। वे वहां इंतजार कर रहे थे है यह सोच रहे थे कि इतने दिनों बाद हमारे घर में खुशियां आने वाली है पर उन्हें क्या पता था कि दुखों का पहाड़ उनके आसपास मंडरा रहा है। उन्हें क्या पता था कि उनका बेटा वापस तो आएगा पर तिरंगे में लिपटकर।
इस देश के हर नागरिक को इन शहीदों की शहादत का महत्व समझना चाहिए और देश के प्रति जागरूक होना चाहिए।
जय हिंद।🇮🇳🇮🇳🇮🇳
जय भारत।🇮🇳🇮🇳🇮🇳
वंदे मातरम।🇮🇳🇮🇳🇮🇳
भारत माता की जय।🇮🇳🇮🇳🇮🇳
हम चैन से जी सके इसलिए उन्होंने अपना चैन खो दिया और फिर भी कई नेता और बड़ी बड़ी पर्सनेेेलीटी उनके शहादत पर रो नहीं रहे हैं बल्कि उनकी शहादत का मजाक बना रहे हैं। जब पता चला होगा उनके घर वालों को इस हादसे के बारे में तो उनका कलेजा फट के बाहर आ गया होगा। क्या कभी किसी ने सोचा कि हम अपने देश के लिए क्या कर सकते हैं। वो जान दे देते हैं हमारे लिए और हम में से ही कोई रेप कर रहा है, कोई भ्रष्टाचार कर रहा है, कोई संविधान का उल्लंघन कर रहा है तो कोई मर्डर कर रहा है।इसके सिवा हमने कुछ नहीं किया देश के लिए।
कितने झूठे हैं ना हमारे सैनिक जो हर रोज अपने घरवालों से यह वादा करते थे कि मैं बहुत जल्द छुट्टी लेकर घर पर आऊंगा। वे वहां इंतजार कर रहे थे है यह सोच रहे थे कि इतने दिनों बाद हमारे घर में खुशियां आने वाली है पर उन्हें क्या पता था कि दुखों का पहाड़ उनके आसपास मंडरा रहा है। उन्हें क्या पता था कि उनका बेटा वापस तो आएगा पर तिरंगे में लिपटकर।
इस देश के हर नागरिक को इन शहीदों की शहादत का महत्व समझना चाहिए और देश के प्रति जागरूक होना चाहिए।
जय हिंद।🇮🇳🇮🇳🇮🇳
जय भारत।🇮🇳🇮🇳🇮🇳
वंदे मातरम।🇮🇳🇮🇳🇮🇳
भारत माता की जय।🇮🇳🇮🇳🇮🇳
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